बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक में विगत कई वर्षों से ओपन परीक्षा के नाम पर छात्रों से ₹6000 या उससे अधिक की अवैध राशि वसूली
की जा रही है। यह राशि न तो किसी सरकारी आदेश के अंतर्गत है और न ही किसी अधिकृत शुल्क सूची में दर्ज है।
बस्तर दरभा चल रहे ओपन परीक्षा में इस संबंध में कई बार मौखिक एवं लिखित शिकायतें संबंधित अधिकारियों को दी गई हैं, किंतु अब तक शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। इससे छात्रों एवं उनके अभिभावकों में असंतोष है, तथा मानसिक और आर्थिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
इस पूरे मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए।
दोषी संस्था या व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाए।
अब तक छात्रों से वसूली गई अवैध राशि उन्हें वापस दिलाई जाए।
भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु स्थायी निगरानी तंत्र की व्यवस्था की जाए।
आपसे अपेक्षा है कि छात्रों के हित में शीघ्र एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएगा ओपन परीक्षा (Open School Exam) के नाम पर छात्रों से ₹6000 की राशि ली जा रही है, तो यह एक गंभीर मामला हो सकता है। ओपन स्कूलिंग जैसे छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल (CGSOS) या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) में नामांकन और परीक्षा शुल्क निर्धारित होते हैं और वह इतनी अधिक राशि नहीं होती।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बाते CGSOS या NIOS की वेबसाइट पर जाकर देखें कि उनकी नामांकन और परीक्षा शुल्क कितनी है। अगर कोई स्कूल या संस्था इससे अधिक ले रही है, तो यह अनुचित हो सकता है अगर आप या कोई छात्र इस तरह के शोषण का शिकार हो रहा है, तो आप स्थानीय शिक्षा विभाग, कलेक्टर कार्यालय, या छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के आधिकारिक हेल्पलाइन पर शिकायत कर सकते हैं।
क्या आप बता सकते हैं कि यह राशि किस नाम पर ली जा रही है 6000 या उससे अधिक की अवैध राशि वसूल कर नकल करवाना न सिर्फ भ्रष्टाचार है, बल्कि यह छात्रों के भविष्य और पूरी शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखा है। यह एक गंभीर अपराध है, जिसमें कई स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए – चाहे वह स्कूल प्रबंधन हो, स्थानीय अधिकारी हों या शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लोग।
आपके इस वाक्य को एक मजबूत बयान में ढालते हुए नीचे दिया गया है, जिसे आप शिकायत, प्रेस विज्ञप्ति, RTI या सोशल मीडिया पोस्ट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं:
बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक में ओपन परीक्षा के नाम पर छात्रों से ₹6000 या उससे अधिक की अवैध राशि वसूल कर नकल करवाई जा रही है। यह न केवल भ्रष्टाचार है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को सीधा नुकसान पहुंचाने वाला संगठित अपराध है। इससे न सिर्फ योग्य छात्रों का मनोबल गिरता है, बल्कि पूरे समाज में शिक्षा की विश्वसनीयता भी समाप्त होती जा रही है। वर्षों से शिकायतों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है, और अब यह आवश्यक हो गया है कि इस पर उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले
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