मानव शरीर की स्वस्थ कार्यप्रणाली के लिए हीमोग्लोबिन एक अनिवार्य तत्व है, जो न केवल शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है, बल्कि यह शरीर की ऊर्जा, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबोलिज्म को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, दुनिया के हर चौथे व्यक्ति में खून की कमी यानी एनीमिया पाई जाती है, और इसका सबसे बड़ा कारण हीमोग्लोबिन का कम होना है।
क्या है हीमोग्लोबिन?
हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में पाया जाता है। यह फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के हर अंग तक पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों में लाकर बाहर निकालने में मदद करता है।
कितना होना चाहिए हीमोग्लोबिन?
-
महिलाओं में: 12 से 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर
-
पुरुषों में: 13.5 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर
-
बच्चों में: उम्र के अनुसार 11 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर
क्यों होता है हीमोग्लोबिन कम?
-
आयरन की कमी वाली डाइट
-
खून की ज्यादा हानि (मासिक धर्म, डिलीवरी, चोट आदि)
-
शरीर में विटामिन B12 या फोलिक एसिड की कमी
-
क्रॉनिक डिजीज या इंफेक्शन
सबसे ज्यादा खतरे में कौन?
-
महिलाएं: मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान शरीर को ज्यादा खून की जरूरत होती है
-
बच्चे: तेज़ ग्रोथ के कारण आयरन की मांग अधिक होती है
-
गर्भवती महिलाएं: हीमोग्लोबिन कम होने से बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय
-
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: पालक, मेथी, चुकंदर, अनार, गुड़, दालें, ड्राई फ्रूट्स
-
विटामिन C की भरपूर मात्रा: संतरा, नींबू, आंवला, जिससे आयरन का अवशोषण बेहतर होता है
-
फोलिक एसिड और विटामिन B12: अंडे, दूध, मांस, और हरी सब्जियां
-
नियमित जांच: खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए
निष्कर्ष
हीमोग्लोबिन सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य का आईना है। इसकी कमी को नजरअंदाज करना शरीर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। सही खानपान, नियमित जांच और सजगता से हीमोग्लोबिन को सामान्य बनाए रखना संभव है।
Live Cricket Info