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तेंदूपत्ता पर सरकारी नियंत्रण: आदिवासी किसान अर्थव्यवस्था पर एक चोट

तेंदूपत्ता पर सरकारी नियंत्रण: आदिवासी किसान अर्थव्यवस्था पर एक चोट आदिवासी कार्यकर्ता एवं भारतीय किसान यूनियन टिकैत के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत ने प्रेस नोट जारी कर तेंदूपत्ता संग्रहण से लेकर बिक्री तक में सरकारी नियंत्रण तथा कुप्रबंधन को राज्य की आदिवासी किसान अर्थव्यवस्था पर चोट बताया है।

     किसान नेता कहते हैं कि तेंदूपत्ता का संग्रहण एवं बिक्री बस्तर क्षेत्र के आदिवासी किसान भाइयों की अर्थव्यवस्था का एक मुख्य आधार है। शरीर को सूखा देने वाली गर्मी एवं जहरीले तथा हिंसक जीव-जंतुओं का खतरा लेकर आदिवासी भाई बहन तेंदूपत्ता का संग्रहण करते हैं। इससे हुई आमदनी ही आदिवासी किसान भाइयों के गुजर बसर का साधन है क्योंकि सरकार से तो वैसे भी कोई उम्मीद नहीं है। इस वर्ष सरकारी खरीदी के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए दक्षिण बस्तर की वनोपज समितियों द्वारा संग्राहकों को मात्र दो दिन का समय दिया गया है

 

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 मात्र दो दिन का समय आदिवासी किसान भाईयों की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की एक सुनियोजित साजिश मालूम होती है। तेंदूपत्ता की छंटाई, सुखाई एवं बोरों में भराई तक का कार्य भी सरकारी मजदूरों से नहीं बल्कि तेंदूपत्ता संग्राहकों से ही कराया जा रहा है। गरीबी, हिंसा, अशिक्षा, पिछड़ेपन, कुपोषण, बेरोजगारी, लाल पानी जैसी समस्याओं की मार झेल रहे बस्तर के आदिवासी किसान भाइयों को राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री के द्वारा यह एक नया झटका दिया गया है। दक्षिण बस्तर के नेशनल पार्क क्षेत्र के हजारों आदिवासी किसान भाइयों एवं बहनों ने तो तेंदूपत्ता संग्रहण का सामूहिक बायकाट ही कर दिया है।

   

भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी में गले तक डूबे हुये आरक्षित सीटों से चुने गए जनप्रतिनिधियों को अपना कीमती वोट देकर समाज ने बहुत बड़ी गलती की है। बस्तर में तैनात सरकारी तंत्र भी जमीनी हकीकत से कोसों दूर है एवं राजधानियों में बैठी हुई सरकारों को गुमराह करते हुए कागजों में इस तरह सब कुछ अच्छा दिखाती है जैसे सावन के अंधे को सब कुछ हरा दिखता है। 

 

 तेंदूपत्ता संग्रहण के इस मामले में भारतीय किसान यूनियन आदिवासी किसान भाइयों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा है। दिनांक 11 मई 2025 (दिन रविवार) को बीजापुर जिले के उसपरी ग्राम में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है जिसमें इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा। आदिवासी किसान भाइयों के जल, जंगल, जमीन एवं संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए बस्तर से दिल्ली तक संघर्ष करने हेतु भारतीय किसान यूनियन प्रतिबद्ध है।

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About संतोष यादव

संतोष यादव, बस्तर केसरी न्यूज़ के मुख्य संपादक, निष्पक्ष और सत्य पत्रकारिता के लिए समर्पित एक जिम्मेदार और अनुभवी मीडिया पत्रकार हैं। बस्तर केशरी न्यूज़ का मुख्य उद्देश्य बस्तर की धरती से, सच्चाई की खबर आप तक पहुचाना हैं!

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