नई दिल्ली। गर्भधारण (प्रेग्नेंसी) की योजना बना रही कई महिलाएं जब किडनी की पथरी (किडनी स्टोन) की समस्या से जूझती हैं, तो उनके मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह स्थिति उनकी प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) को प्रभावित कर सकती है। इस विषय पर हमने बात की प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट और गाइनेकोलॉजिस्ट से, जिन्होंने इस जटिल विषय पर स्पष्ट और व्यावहारिक जानकारी साझा की।
किडनी स्टोन और प्रेग्नेंसी: क्या है संबंध?
विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी स्टोन होने का सीधा असर महिला की फर्टिलिटी पर नहीं होता, लेकिन यदि पथरी बड़ी हो या बार-बार संक्रमण (यूटीआई) हो रहा हो, तो यह गर्भधारण की प्रक्रिया को जटिल बना सकता है।
डॉ. (नाम), वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट, बताते हैं,
“किडनी स्टोन से महिला के प्रजनन अंगों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता, लेकिन इससे होने वाला बार-बार का संक्रमण, दर्द और दवाओं का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी की योजना में बाधा बन सकता है।”
गर्भधारण के दौरान किडनी स्टोन के जोखिम
यदि महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान किडनी स्टोन हो जाए, तो यह स्थिति अधिक संवेदनशील हो जाती है। इसके कारण गर्भाशय पर दबाव, तेज दर्द, मूत्र संक्रमण और कभी-कभी समय से पहले प्रसव (प्रेमेच्योर डिलीवरी) का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इस स्थिति में डॉक्टर की नियमित निगरानी और इलाज आवश्यक हो जाता है।
क्या करें अगर किडनी स्टोन है और आप मां बनना चाहती हैं?
डॉक्टरों की सलाह है कि अगर किसी महिला को किडनी स्टोन की समस्या है और वह गर्भधारण की योजना बना रही है, तो पहले पूरी यूrological जांच कराना जरूरी है।
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पथरी की साइज, पोजीशन और संक्रमण की स्थिति का आंकलन जरूरी होता है।
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अगर पथरी बहुत बड़ी है, तो उसे पहले निकालना ही बेहतर होता है, ताकि प्रेग्नेंसी के दौरान कोई जटिलता न हो।
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डाइट में सुधार, पर्याप्त पानी पीना और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं समय पर लेना भी ज़रूरी है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, किडनी स्टोन अपने आप में प्रेग्नेंसी में बाधक नहीं होता, लेकिन यदि इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह गर्भधारण और गर्भावस्था के दौरान समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए यदि आप प्रेग्नेंसी की योजना बना रही हैं और किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित हैं, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें और जरूरी जांच अवश्य कराएं।
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