वाशिंगटन, 2 अप्रैल 2025 – अमेरिका ने आज से ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ लागू करने का फैसला किया है। इस नई नीति की आधिकारिक घोषणा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ‘मेक अमेरिका वेल्दी अगेन’ इवेंट में करेंगे। इस टैरिफ के तहत, अमेरिका उन देशों पर समान शुल्क लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ या व्यापारिक प्रतिबंध लगाते हैं।
ट्रम्प की नई व्यापारिक नीति
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं, अपनी ‘मेक अमेरिका वेल्दी अगेन’ पहल के तहत इस नई नीति की घोषणा करेंगे। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि यह नीति अमेरिकी उद्योगों और उत्पादों की रक्षा करेगी और विदेशी प्रतिस्पर्धा को संतुलित करने में मदद करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में बदलाव देखने को मिल सकता है। यह नीति विशेष रूप से चीन, यूरोपीय संघ और भारत जैसे देशों के लिए प्रभावी हो सकती है, जो अमेरिकी उत्पादों पर अलग-अलग दरों से टैरिफ लगाते हैं।
इजराइल ने अमेरिकी उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी हटाई
इस बीच, इजराइल ने अमेरिकी उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा की है। इजराइली सरकार का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा। इजराइल और अमेरिका के बीच व्यापारिक साझेदारी पहले से ही काफी मजबूत है, और यह नया निर्णय इस संबंध को और अधिक विकसित करेगा।
इजराइली वाणिज्य मंत्री के अनुसार, ‘अमेरिका हमारा महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, और हम दोनों देशों के व्यापार को और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
व्यापार पर संभावित प्रभाव
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका की ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ सकता है। कई देशों के लिए यह एक चुनौती हो सकती है, जबकि अमेरिकी कंपनियों को घरेलू बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति ट्रम्प की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का विस्तार है, जिसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा देना है। हालाँकि, यह भी संभावना है कि अन्य देश इसके जवाब में अमेरिकी उत्पादों पर नए टैरिफ लगा सकते हैं।
निष्कर्ष
अमेरिका की यह नई नीति वैश्विक व्यापार पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। जहां ट्रम्प इसे अमेरिकी उद्योगों के लिए फायदेमंद मानते हैं, वहीं आलोचकों का मानना है कि यह वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचा सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देश इस नीति पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह वास्तव में अमेरिका को आर्थिक रूप से अधिक समृद्ध बना पाएगी।
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