किरंदुल के आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील प्लांट से निकलने वाली टेलिंग्स को लेकर सुकमा जिला मुख्यालय में हो रही डंपिंग और उससे उत्पन्न समस्याओं सुकमा में मनमानी टेलिंग्स डंपिंग: आर्सेलर मित्तल प्लांट से निकल रहा खतरा
सुकमा/किरंदुल:
दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल स्थित आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील प्लांट से निकलने वाला औद्योगिक ठोस अपशिष्ट (टेलिंग्स) अब सुकमा जिला मुख्यालय के आसपास भी मनमाने ढंग से डंप किया जा रहा है। यह डंपिंग बिना स्थानीय ग्राम पंचायत की अनुमति (NOC) के की जा रही है, जिससे न केवल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
तालाब के पास डंपिंग:
प्रशासन पहले ही कारली पुलिस लाइन के पास तालाब के किनारे टेलिंग्स डंप कर चुका है। अब निर्माणाधीन सुकमा खफत क्षेत्र के पीछे लगातार एक सप्ताह से टेलिंग्स डंपिंग जारी है, जिससे मिट्टी और जल स्रोतों के प्रदूषित होने की आशंका बढ़ गई है।
प्रशासन की चुप्पी:
स्थानीय पंचायत द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे यह आशंका भी गहराई है कि शायद प्रशासन इस अवैध डंपिंग को मूक सहमति दे रहा है।
स्वास्थ्य संकट की चेतावनी:
पास की बस्तियों में रहवासी टेलिंग्स की धूल से श्वसन संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ये सूक्ष्म कण फेफड़ों के लिए अत्यंत हानिकारक हैं।
किसान संघ की चेतावनी:
भारतीय किसान संघ ने चेताया है कि यदि जल्द डंपिंग पर रोक नहीं लगी, तो जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
कानूनी उल्लंघन:
एनजीटी ने पूर्व में सख्त आदेश दिए थे कि टेलिंग्स केवल नियमानुसार स्वीकृत स्थानों पर ही डंप किया जा सकता है, लेकिन इन निर्देशों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
मांगें:
टेलिंग्स डंपिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए।
दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
सुकमा में हो रही डंपिंग की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
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